
बाते कुछ आउर बा - दिलीप कुमार पाण्डेय
बाते कुछ आउर बा... मेहर का पगार के चईत का जाड़ के घोड़ा का लतार के, बाते कुछ आउर बा। नाच में लबार के, ढ़ारे में धार के। माह में कुआर के, बात...
बाते कुछ आउर बा... मेहर का पगार के चईत का जाड़ के घोड़ा का लतार के, बाते कुछ आउर बा। नाच में लबार के, ढ़ारे में धार के। माह में कुआर के, बात...
देवाली आवते सन ८८ ई.के घटना मन परेला। बी.एस.सी के दुसरका साल रहे ठीक दिवाली का एक दिन पहिले सत्या भाई नित्या भाई बबलू आ ढुनमुन का संगे हमह...
जीवन के बडकी भउजाइ जवन बिआह का दूसरके साल मुसमात हो गइल रही बहुत दिन से उनका के बोलावत रही। जीवनो बहुत दिन से सोचत रहस भउजाइ से भेंट करेला...
अदरा का चढ़ला पांच दिन भइलो का बाद आकाश में बादल के कवनो नामो निशान ना रहे। खेतिहर लोग आसमान का ओरी टकटकी लगा देखत रहे। "लागऽता इनर भ...
संदेस परीक्षा खत्म भइला का बाद अपना चाचा का लगे गइलें। गांव के रहल लइका खेत-बधार टोला-परोसा में घूमे के आदत चाचा का काम में जाते बेचारू घर...
संदेस परीक्षा खत्म भइला का बाद अपना चाचा का लगे गइलें। गांव के रहल लइका खेत-बधार टोला-परोसा में घूमे के आदत चाचा का काम में जाते बेचारू घर...
कठ मउग संदेस परीक्षा खत्म भइला का बाद अपना चाचा का लगे गइलें। गांव के रहल लइका खेत-बधार टोला-परोसा में घूमे के आदत चाचा का काम में जाते ...
भोजपुरियन का इज्जत के बखोर दिहलू दिल में जमल रहे जवन प्यार के खखोड़ी ओकरा के खखोर दिहलू बनाके सनिमा लंगट उघार आला भोजपुरियन का इज्जत क...
हमार धनिया लागेली आजो कनिया हमार धनिया हमार धनिया हो, हमार धनिया हो हमार धनिया--- कान में ईयर फोन हाथ में मोबाइल जींस टॉप पहिरी के, मा...
उजर से किनलें, भुअर एगो इनार, पटा बोअलें चीना,भर गइल दुआर। उजर के बहरना, लागल सीखावे, आ इनार छीने के, बुद्धि बतावे। कहिहऽ इनार तहार, प...
बोनस ला होत परदरशन धीरे-धीरे उग्र रूप लेवे लागल। देखते देखते मजदूर संघ का नेता का हाथ से ममिला निकल गइल। चाय बागान के मनेजर का पुलिस बोलाव...
चाहेनी करीं ना, ढ़रकावेनी भरीं ना। चढ़ावेनी सभका के, बाकिर कबो चढ़ी ना। पढ़वावेनी पढ़ी ना, लड़ावावेनी लड़ी ना। धरवावे नी अनका से, अपने कबो...
बोहाग बिहू भा रंगाली बिहू असम आ असमिया के सबसे स्रेष्ठ उत्सव हऽ। ई शक संवत का अनुसार चइत में संक्रांति से सुरू होखेला आ बइसाख का छव तारीख...
गइलें मीन से मेष में बाबा सुरूज भगवान, गरमी बढ़ी पीत्त बढ़ी,मनईं होइहें परेशान। आम के चटनी संग ले,लबरी पीठुरी गटकीं, तन मन रही दुरूस्त, लू...
अइबऽ ना घरे जो बलमुआ लहुरा लीहें लहरा लूट॥ आंजर रंगिहें पांजर रंगिहें, जीव अकेल कहऽ कइसे बचिहें। मुंह रंगी झरिहें लो रूप हो, अइबऽ ना घरे ज...
देश भइल निहाल देश भइल निहाल, कइलें कमाल बलमुआ॥ मिग से खेदलें एफ सोलह के, दागते गोला लागल उ लहके। गलल नाहीं दुश्मन के दाल हो गलल नाहीं दुश्...
उठऽ उठऽ ए बाबू मुंह आपन खोलऽ! तहार सोनु हईं हम कुछ त बोलऽ!! लोग माई के चुड़ी फोड देलस! ऊठ के देखऽ ना ओकर मांग धो देलस!! तूं काहे मौन बारऽ ...
सारा हद पार कइलस दुश्मन अब,शबक सीखावल जरूरी बा, शांति के भाषा ना बुझी, पराक्रम देखावल जरूरी बा। सम्मान सहुलियत देके सोंची ना आज ले, मिलल ब...
घरहीं अजर-अमर होखऽ हम सीमा पर लडत रहेम, मातृभूमि का रक्षा ला त हम मारत आ मरत रहेम। केहू शीश महल में बइठ शान के जिनगी जिअता, हमनी मरीं भूखे...
सांचों देखल जाव त् इंसान घात-प्रतिघात ,हिंसा-प्रतिहिंसा आ स्वार्थ का दलदल में एह तरी धंसल जा रहल बा जे गांव-ज्वार का इज्जत भा राष्ट्र का इ...