
मोती बी.ए. के छव गो कविता
अझुरा अझुराई तबे नू सझुराई अझुरइबे ना करी कुछू त कवन चीज केहू सझुराई! जवन चीज कबों अझुरइबे ना करी आ हरदम सझुरइले रही त ओकर अझुराइल...
अझुरा अझुराई तबे नू सझुराई अझुरइबे ना करी कुछू त कवन चीज केहू सझुराई! जवन चीज कबों अझुरइबे ना करी आ हरदम सझुरइले रही त ओकर अझुराइल...
के धैर्य धरी सुखले के मरी मउवति जे रसगर बनाई ओही में जब जीव सउनाई मुअले के डर ना रहि जियला के मजा आ जाइत चाहतानी सउना-मउना हो जइत...
एइसन दुनिया एइसन लोग रामजी बनवले रहें ना। भरल रहे राम नदिया में पानी बनल रहे गोरी तोहरी जवानी पानी में मछरिया हाथ में फँसरिया रामजी बनवले ...
मूड़ी गाड़ि के खा लेवे के बा आँखि मूनि के पी लेवे के बा टाँग पसारि के सूति रहे के बा कर्जखोर! कर्जा पर कर्जा लेत जाता न सूदि देता न ...
ना रहि गइल कवनो चीजु पास ना रहि गइल कवनो बाति खास हो गइली एकदमे बेनकाब आर-पार एकदम परदाफास। ना कवनो बू ना कवनो बास पूरा पूरा परदाफा...
केतनो दुखाव दुखात नइखे चढ़ि जब आवता त जात नइखे कहवाँ ले जाई ई बुझात नइखे जाने पर जाई त जनात नइखे नंगा बाटे एतना लुकात नइखे हीत ह कि मुदई च...
अझुराई तबे नू सझुराई अझुरइबे ना करी कुछू त कवन चीज केहू सझुराई! जवन चीज कबों अझुरइबे ना करी आ हरदम सझुरइले रही त ओकर अझुराइल-सझुराइल...
मूड़ी गाड़ि के खा लेवे के बा आँखि मूनि के पी लेवे के बा टाँग पसारि के सूति रहे के बा कर्जखोर! कर्जा पर कर्जा लेत जाता न सूदि देता न मूढवे...
1 सेमर फुलाये फर लागे ठोरियावऽ सुगना ***** 2 छितिर-बितिर पानी तराइल ऊँट बेंग, का ताकेलऽ?! **...