हम नेता हईं - दिलीप कुमार पाण्डेय

चाहेनी करीं ना,
ढ़रकावेनी भरीं ना।

चढ़ावेनी सभका के,
बाकिर कबो चढ़ी ना।

पढ़वावेनी पढ़ी ना,
लड़ावावेनी लड़ी ना।

धरवावे नी अनका से,
अपने कबो धरीं ना।

जरावेनी जरी ना,
मरवावेनी मरीं ना।

अड़ावेनी दोसरा के,
हम कबो अड़ी ना।

रहे वाला, अलोता हईं,
भाई हो हम, नेता हईं।
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लेखक परिचय:-
नाम - दिलीप कुमार पाण्डेय
बेवसाय: विज्ञान शिक्षक
पता: सैखोवाघाट, तिनसुकिया, असम
मूल निवासी -अगौथर, मढौडा ,सारण।
मो नं: 9707096238

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