राष्ट्रीय सद्भाव गीत - रामवचन शास्त्री 'अंजोर'
भरल-पूरल, फरल-फूरल हिन्दुस्तान चाहीला। पहरे पर पहरु हिमाला, सागर गोड़तरिए लहराला, कछ की रन गुजराती-माला, खप्पर चंडी-हाथ फँफाला। माटी दे...
भरल-पूरल, फरल-फूरल हिन्दुस्तान चाहीला। पहरे पर पहरु हिमाला, सागर गोड़तरिए लहराला, कछ की रन गुजराती-माला, खप्पर चंडी-हाथ फँफाला। माटी दे...
अतिराली भुइयाँ, झूमेला असमान, भोरे-भोरे हो, सोनवाँ लुटावे दिनमान। बड़ नीक लागे हऊ ललकी किरिनियाँ छउकि-छउकि भरमावेले हरिनियाँ। कुहुकि क...