
प्रकाश उदय के चार गो कविता
धरहरिया हउ देखऽ, धइलसआ माचिस में कइ देलस बंद अगिनदेव के।। देखऽ कि छँउकल आ धइ लेलस चान।। धइले बा अँगुरी के टिपला में बिजुरी के सब-सब टि...
धरहरिया हउ देखऽ, धइलसआ माचिस में कइ देलस बंद अगिनदेव के।। देखऽ कि छँउकल आ धइ लेलस चान।। धइले बा अँगुरी के टिपला में बिजुरी के सब-सब टि...
उड़े खाती चिरईं के पाँख बुड़े खाती मछरी के नाक लेब उड़े-बुड़े कुछुओ के पहिले। चुप्पे-चोरी चारो ओरी ताक लेब चुप्पे चोरी बदरा के पार स...
आवत आटे सावन शुरू होई नहवावन भोला जाड़े में असाढ़े से परल बाड़ें एगो लांगा लेखा देह, रखें राखी में लपेट लोग धो-धा के उघारे पे परल बाड़े...
हती-हती फुलवा हतना सोभे बड़का कतना सोभी, फुलगोभी देखते मनवा लोभी, फुलगोभी उजर-उजर फर भर-भर झाबा जइसे हो नेतवन के साभा जिन्हनी के कुर...
हउ देखऽ, धइलसआ माचिस में कइ देलस बंद अगिनदेव के।। देखऽ कि छँउकल आ धइ लेलस चान।। धइले बा अँगुरी के टिपला में बिजुरी के सब-सब टिपवान।। कि...
आजु तिलक में छौड़ा के, कल छौड़ी के बरियात में दिनभर मँड़वाने-भतवाने जबरन जगरम रात में नेवता पर नेवता पर नेवता एक लगन में चरि चरि गो एन...
आवत बाटे सावन, शुरू होई नहवावन भोला जाड़े में असाढ़े से परल बाड़े एगो लांगा लेखा देह, राखे राखे में लपेट लोग धो-धा के उधारे प परल बाड़े एन...
हैंडिल पैडिल टायर चक्का दुकान हटे पंचर के पक्का ना कवनो पोस्टर ना कवनो पलानी काठे के बाक्सा बा नादे में पानी लागे के दुई-चार टक्का द...
रोपनी के रऊँदल देहिया, सँझही निनाला तनि जगइह पिया जनि छोड़ि के सुतलके सुति जइह पिया आहो आहो हर के हकासल देहिया, सँझही निनाला तनि जगइह धन...
आजु सट्टी में पहिल पहिल लउकल परोरा, हरियाइ गइल बा देख परवर नयन से लखत चहुँओर, हरियाइ गइल बा अभी कुछ दिन त टुकुर-टुकुर ताके के बा फेरू क...
भउजी माने झगरी पानी माने मछरी ना धइला खतिरा बुड़ि-बुड़ि पोखरा नहइला खतिरा मारे-मारे उपटी भइयो के डपटी छोड़इला खतिरा 'बाचा बाटे...