
पप्पू के दुलहिन - कैलाश गौतम
रचना: पप्पू के दुलहिन विधा: भोजपुरी कविता स्वर: कैलाश गौतम
कहीं निरदयी कि बेदरदी कहीं हम भुलक्कड़ कहीं कि अलहदी कहीं हम कि झुट्ठा कि लंपट कि बुद्धू अनाड़ी कि अकड़ू कि अँइठू कि पक्का खेलाड़ी ...
बहै फगुनहट उडै धुरंधर सोन किरवा अस मुड़ै धुरंधर। गांव गली बारी बॅसवारी डहरी डारी खेत कियारी नहर क पुलिया ताल किनारे डीह क चउरा नदिया नार...
पहिने किरनिया के हार खिड़िकिया पर खाड़ भोरहरी श्रृंगार करे......॥ झिलमिल झिलमिल कनवा के बाली उतरे नहाइल कौनो सोनवा के रानी लिहले शरीरिया के ...
चाल सुधारा चाल सुधारा बरखा रानी चाल सुधारा कब्बौ झूरा कब्बौ बाढ़ केसे केसे लेईं राढ़ खेतवन से बस दुआ बंदगी खरिहनवन से भाई चारा...
भक्ति के रंग में रंगल गाँव देखऽ, धरम में, करम में, सनल गाँव देखऽ। अगल में, बगल में सगल गाँव देखऽ, अमौसा नहाये चलल गाँव देखऽ॥ एहू हाथे झोर...
सिर फूटत हौ, गला कटत हौ, लहू बहत हौ, गान्ही जी देस बंटत हौ, जइसे हरदी धान बंटत हौ, गान्ही जी बेर बिसवतै ररूवा चिरई रोज ररत हौ, गान...
बाबू आन्हर माई आन्हर हमै छोड़ सब भाई आन्हर के-के, के-के दिया देखाई बिजुली अस भउजाई आन्हर॥ हमरे घर क हाल न पूछा भूत प्रेत बै...