
केहू-केहू का होखे राम नाम के चरचा - मास्टर अजीज
केहू-केहू का होखे राम नाम के चरचा । कहीं-कहीं चढ़ल बाटे घरे-घरे घरे-चरचा, केहू-केहू का, जोड़ाता रात-दिन के खरचा। घोंसरिये म...
केहू-केहू का होखे राम नाम के चरचा । कहीं-कहीं चढ़ल बाटे घरे-घरे घरे-चरचा, केहू-केहू का, जोड़ाता रात-दिन के खरचा। घोंसरिये म...
फागुन फाग बुलाई दिहले, अंग-अंग फुलाई दिहले हे। मइया ओढ़ि के वासंती चुनरिया, नगरिया हरसाई गइले हे।। चइत चनरमा चिढ़ाई गइले, पिया...
बोलऽ बोलऽ कागा तूहूँ साम के खवरिया, कइसन बाड़ी ना? मोरा मन के मोहनवाँ, कइसन बाड़े ना? सखिया-सलेहर रोये, रोये धेनु गइया, कइसन बाड़ी ...