
गुर कीजै गरिला निगुरा न रहिला - संत गोरखनाथ
गुर कीजै गरिला निगुरा न रहिला। गुर बिन ग्यांन न पायला रे भईया॥टेक॥ दूधैं धोया कोइला उजला न होइला। कागा कंठै पहुप माल हँसला न भ...
गुर कीजै गरिला निगुरा न रहिला। गुर बिन ग्यांन न पायला रे भईया॥टेक॥ दूधैं धोया कोइला उजला न होइला। कागा कंठै पहुप माल हँसला न भ...
बूझो पंडित ब्रह्म गियानम, गोरष बोलै जाण सुजानम। बीज बिन निसपती मूल बिन विरषा पान फूल बिन फलिया, बाँझ केरा बालूड़ा प्यंगुला तरवरि चढ़ि...
कैसे बोलों पंडिता देव कौने ठाईं निज तत निहारतां अम्हें तुम्हें नाहीं । (टेक ) पषाणची देवली पषाणचा देव, पषाण पूजिला कैसे फीटीला स...
अवधू गागर कंधे पांणीहारी, गवरी कन्धे नवरा। घर का गुसाई कोतिग चाहे काहे न बन्धो जोरा। लूंण कहै अलूणा बाबू घृत कहै मैं रूषा। अनल कह...
चलि रे अबिला कोयल मौरी धरती उलटि गगन कूँ दौरी। गईयां वपडी सिंघ नै घेरै मृतक पसू सूद्र कूँ उचरै। काटे ससत्र पूजै देव ...
आवो माई धरि धरि जावो गोरष बाला भर भर षावो । झरै न पारा बाजे नाद सति हर सूर न वाद विवाद । पवन गोटिका रहणी अकास महियल ...
हसिबा बेलिबा रहिबा रंग। काम क्रोध न करिबा संग।। हसिबा षेलिबा गाइबा गीत। दिढ़ करि राषिबा अपना चीत।। हसिबा षेलिबा धरिबा ध्यान। अहनिसि कथि...
रमि रमिता सों गहि चौगानं, काहे भूलत हो अभिमानं। धरन गगन बिच नहीं अंतरा, केवल मुक्ति भैदानं। अंतरि एक सो परचा हूवा, तब अनंत एक में समाया...
कुम्हरा के घर हांडी आछे अहीरा के घरि सांडी। बह्मना के घरि रान्डी आछे रान्डी सांडी हांडी। राजा के घर सेल आछे जंगल मंधे बेल। तेली के घर त...
नाथ निरंजन आरती साजै। गुरु के सबदूं झालरि बाजे।। अनहद नाद गगन में गाजै, परम जोति तहाँ आप विराजै। दीपक जोति अषडत बाती, ...