
सगुण के फेरा में निर्गुण ना भेंटाइल - कनक किशोर
सगुण के फेरा में निर्गुण ना भेंटाइल ना रामजी मिलले,ना कृष्ण कन्हाई फेरा कवनो चीज के ठीक ना ह ई सुनले रहीं बाकिर तोतवा दाल के फेर में जाल मे...
सगुण के फेरा में निर्गुण ना भेंटाइल ना रामजी मिलले,ना कृष्ण कन्हाई फेरा कवनो चीज के ठीक ना ह ई सुनले रहीं बाकिर तोतवा दाल के फेर में जाल मे...
दुख के चादर ओढ़ले मनई के आँगन इंतजार रहे सुख के एगो छोट टुकड़ा के काहे राह भुला गइल सुख के चान। अमावस्या त घरे बइठल रहे इंतजार रहे पूनिया के...
डॉ सुनील कुमार पाठक भोजपुरी साहित्य के एगो सुपरिचित हस्ताक्षर हवें जे गद्य, पद के साथे भोजपुरी आलोचना के क्षेत्र में आपन बरियार उपस्थिति दर्...
१ गीत कवित हम का जानीं भइया पानी बिनु बे पानी जल, जंगल, जमीन से बेदखल खोजत बानीं पानी कहँवा गइल नदी सरोवर ? ई बता दऽ भइया। राज - पाट जेहि हा...
मौसम के सिरमौर हऽ बसंत। अइसे सब मौसम के आपन महत्व आ विशेषता होला। बाकिर बसंत के एगो अलगे राग आ रंग होला। बसंत आवते मन रंगीन हो जाला। का बूढ़...
सभे के चाह मोती हीरा के होला। बाकिर मोती आ हीरा ना हाथे लागेला आसानी से। कबीर साहब कहले बाड़ें कि जिन खोजा तिन पाईया, गहरे पानी पैठ। मैं बपु...
गजल मुहब्बत के गवाह रहल बा काहे कि गजल के जन्म मुहब्बते के कोंख से हऽ। एही से फारसी में एकरा के 'वाजनान गुफ्तगू' कहल जाला। बाकिर गजल...
भोजपुरी में खूब लिखात बा। हर विधा पर कलम चल रहल बा। नीक जबून सब बा। रहबो करेला सब साहित्य में। ई कवनो नया नइखे। बाकिर समय के साथ-साथ साहित्य...
सत्य के धरातल ठोस होला, कठोरो होला ऐही से ना तरल जइसन बह जाला, ना आपन स्वभाव अउर स्वरूप जल्दी बदलेला। जीतो सत्य के ही होला ई सबकर अनुभव हऽ। ...
बाबू बिमार दवाई आइल ना कबले जीहें।1। ***** घर जमाई ससुरारे बसले माथा प घूर।2। ***** सावन भादो दिन बरसात के धान रोपाई।3। ***** झुला कजर...