
काटऽ चानी - रमाशंकर वर्मा 'मनहर'
भइया जी! अब काटऽ चानी फिर ना अ इसन राज भेंटाई बदलऽ जल्द पलानी। भइया जी! अब काटऽ चानी॥ आइल बा आगे, हथिआवऽ पीछे वाला भूलऽ। लागल बा सावन के...
भइया जी! अब काटऽ चानी फिर ना अ इसन राज भेंटाई बदलऽ जल्द पलानी। भइया जी! अब काटऽ चानी॥ आइल बा आगे, हथिआवऽ पीछे वाला भूलऽ। लागल बा सावन के...
जनि कर एतना गुमान हो, बाति मानऽ सुगनवा॥ बहुते घमण्डी लोग पल में बिलाइल तू कवनी बल पर बाड़ऽ उतराइल चलेलऽ हो ए उतान हो, बाति मानऽ सुगनवा॥ अन-...