
भीखा साहब (जीवन चरित)
भोजपुरी साहित्य के विकास के क्रम में एक से बढि के एक संतन के जोगदान बा। ओही परम्परा आगे बढावले बानी भीखा साहब जी। इंहा कऽ भोजपुरी कऽ कबी...
भोजपुरी साहित्य के विकास के क्रम में एक से बढि के एक संतन के जोगदान बा। ओही परम्परा आगे बढावले बानी भीखा साहब जी। इंहा कऽ भोजपुरी कऽ कबी...
ई धरती, आज हमनी के जहाँ के रहबासी बानी जा; ऊ समाज औरी संस्कृति जेवन हमनी कऽ खून में दउरत औरी दहकत बा उ सभ हमनी कऽ पुरखन कऽ मेहनत कऽ परत...
ई दुनिया बड़ बे; बहुत बड़ औरी एतहत बड़हन दुनिया में जाने केतने लोग बाड़ें औरी जाने केतने लोग पहिलहूँ ए दुनिया में रहल बाड़ें लेकिन कुछ नाँव ल...