
मन भीजि जाला - सत्यनारायण मिश्र ‘सत्तन'
मड़इया में मोर मन भीजि जाला। सुखवा क ताना अ दुखवा क बाना हेरि-हेरि हारीं हेराइल बहाना संझा बिहान ओरहन भीजि जाला। हियरा जो तड़पे त बदरा...
मड़इया में मोर मन भीजि जाला। सुखवा क ताना अ दुखवा क बाना हेरि-हेरि हारीं हेराइल बहाना संझा बिहान ओरहन भीजि जाला। हियरा जो तड़पे त बदरा...
सूतल सपना, सोच सिर्हाने जा बरखा अब खेत सुखाने। पल-पल पीटत, पर, पलुवार, बीपत, बिटियन क बढ़वार गर-गर गरत पसीना पीठि सर-सर सरकत चढ़त कपा...
हमरो तोहके ईद मुबारक ओनतिस दिन के कइन तपस्या तन तापन ताकीद मोबारक। अधिए राति जगावत सेहरी बीतल पगत पगावत सेहरी अफतारी पर जेवना जुबरी ...
रितुजाई सवनवां क बीत मीत अब चलि आ घरे परिजाई सपनवां प सीत मीत अब चलि आ घरे। लागे लहुक प अकासे क पहरा लुतुरा बदरवा क लगहर लहरा भेहिला...
पिछिला हप्ता सत्यनारायण मिश्र 'सत्तन' जी 62 बरिस के उमिर में गोरखपुर में आपन देहिं छोड़ि दिहनी। एगो बहुत बढ़िया कबी रहनी हँ उहाँ क...