
गँवावे के पड़ल - भोला प्रसाद ‘आग्नेय’
जवन चाहीं ओ के गँवावे के पड़ल। ना चाहीं ऊ हे अपनावे के पड़ल॥ सपना तऽ टूट के टुकी-टुकी हो गइल बाकिर फेरु माला गुहावे के पड़ल॥ ई ज...
जवन चाहीं ओ के गँवावे के पड़ल। ना चाहीं ऊ हे अपनावे के पड़ल॥ सपना तऽ टूट के टुकी-टुकी हो गइल बाकिर फेरु माला गुहावे के पड़ल॥ ई ज...
जमीन पे नभ से उतर के आ गइलन। सफर के नाम कुछ कर के आ गइलन॥ ख्वाहिश रहे फूलन के खुश्बू के। झोली में काँटे भर के आ गइलन॥ मन में तमन्ना...
'पगला-पगली' भोला प्रसाद 'आग्नेय' कऽ भोजपुरी कहानी संग्रह हऽ। सन 2008 में भोजपुरी संस्थान से परकासित भइल एह संग्रह में कुल्ह...
वसीयतनामा भोला प्रसाद 'आग्नेय' कऽ भोजपुरी कहानी संग्रह हऽ। सन 1994 में भोजपुरी संस्थान से परकासित भइल एह संग्रह में कुल्ह 15 गो कह...
1 जमीन पे नभ से उतर के आ गइलन। सफर के नाम कुछ कर के आ गइलन॥ ख्वाहिश रहे फूलन के खुश्बू के। झोली में काँटे भर के आ गइलन॥ मन म...
'ए भोला तूं लोला लऽ'- भोला प्रसाद ‘आग्नेय’ जी क लिखल भोजपुरी कऽ एगो हास्य-व्यंग्य आलेखन कऽ संग्रह हऽ। भोला जी एह संग्रह खाती उत्...
भोला प्रसाद ‘आग्नेय’ जी जिनगी कऽ गहिराह बात अपनी छोटी-छोटी बात के कहत बानी अपनी एह गज़ल में। जिनगी में जेवन लउके ला ऊ होला ना औरी जेवन ...