
राम जियावन दास 'बावला' के दू गो कविता
देशवा के देशवा क धुन कब होई दोबिधा में मनवा हमार होइ जाला कले-कले दिनवाँ पहार होइ जाला। ढेर परिवार क अपार लागै रोटिया देहिया ढुकावै बदे,...
देशवा के देशवा क धुन कब होई दोबिधा में मनवा हमार होइ जाला कले-कले दिनवाँ पहार होइ जाला। ढेर परिवार क अपार लागै रोटिया देहिया ढुकावै बदे,...
दोबिधा में मनवा हमार होइ जाला कले-कले दिनवाँ पहार होइ जाला। ढेर परिवार क अपार लागै रोटिया देहिया ढुकावै बदे, फटही लँगोटिया। लोग बतावैला, स...
कइसन बा राउर विधान हो विधाता धक्-धक् करेला परान पनियां सपनवा मोहाल बा पतउवा दागि-दागि पेट रही जाले बचउवा छुप गईले केतनन क चान हो विधाता, ध...
मीठी-मीठी बतिया में घतिया छिपल बाटै, जतिया क पतिया क होत बा लड़ाई। कुल्हियै इनरवा में भंगिया घोराइ गइले मनई से मनई करैला निठुराई। ...
हफ्ता में सात दिन एक दिन चीनी के एक दिन कोटा के कपड़ा में निकल गइल एक दिन सिरमिट के परमिट-पैरवी में एक दिन पूछताछ आफिस में टल गइल ए...
हाथ गोड़ उहै बा कपार देह उहै बाटै अचरज लागैला बदल गई बोलिया। गाँव गली घर कुल जइसे के तइसे हो राम जाने कइसे बदल गई टोलिया। हव...
मेड़न पै बिछिलै सरकै पग दाबि चलै देहियाँ बल खाला। बून परै झमकै बदरी कजरी आँखिया जनु मारत भाला । रोपत धान उतान उठै मुड़ि दे...
शुभ-शुभ-शुभ नया साल हो बासल बयार ऋतुराज क सनेस देत गोरकी चननिया क अँचरा-गुलाल हो खेत-खरिहान में सिवान भरी दाना-दाना चिरईं के ...
जेतनी विकास बा पढाई क लिखाई क होत जेतनी विकास बड़वार बेहयाई क॥ गाँव के विकास ठांव ठांव क विकास होत होत बा विकास इहाँ नकली दवाई क॥...
अदिमिन के संख्या त गिन के बताय देला जादू से जान जाला जनमत जेतना हौ कागद के कोठी रुपया बतावैला धरती बतावैला बिगहा में एतना हौ ...
पग पग धरती सिवनवा क नापइ देहियाँ क सुधि नाहीं फटहा झिंगोला। तपनी थिथोर होय सँझवा के दर दर बुढ़ऊ क कहनी सोहाय भर टोला। उँखि...
तोरि के पाताल के आकाश में उछाल देब ढाल देब पानी-पानी पूरा एक दान में॥ बाहु बल बिधि क बिधान हेर फेर देब का करी अकाल जान डाल देब...
गाँव घर खेत खरिहान के नमन बाटै नमन सिवान के नमन घूर धार के । ताल खाल नदी नार पोखरा इनार कुल नमन करीला बाबा डीह-डिहुवार के। ...