
सासु कहे कुलबोरनी
बाबूजी के हम रहुईं आँखि के पुतरिया राखसु करेजवा में मोर महतरिया आवते ससुरवा अघोरनी रे, सासु कहे कुलबोरनी। हवे मतवाली ह कुलछनी मतहिया सास...
बाबूजी के हम रहुईं आँखि के पुतरिया राखसु करेजवा में मोर महतरिया आवते ससुरवा अघोरनी रे, सासु कहे कुलबोरनी। हवे मतवाली ह कुलछनी मतहिया सास...