
भोजपुरी - मनोरंजन प्रसाद सिंह
भोजपुरी हमार ह भाषा जइसे हो जीवन के स्वासा। जब हम ये दुनिया में अइलीं जब हम ई मानुस तन पइलीं। तब से साथ रहल जे टोली ...
भोजपुरी हमार ह भाषा जइसे हो जीवन के स्वासा। जब हम ये दुनिया में अइलीं जब हम ई मानुस तन पइलीं। तब से साथ रहल जे टोली ...
अबहूँ कुहुकिएके बोले ले कोइलिया, नाचेला मगन होके मोर। अबहुँ चमेली बेली फूले अधिरतिआ, हियरा में उठेला हिलोर।। अबहूँ अँगनवाँ में खेलेला बलक...
मनोरंजन प्रसाद सिंह जी के ए कबिता में गाँवन के जिनगी से जुड़ल कुछ अइसन बातन भा कही परम्परा औरी संस्कारनऽ कऽ चरचा भइल बा जेवन आज के अन्हुआ...
जय भारत जय भारती, जय हिन्दी, जय हिंद जय हमार भाषा बिमल, जय गुरू, जय गोविन्द। ई हमार ह आपन बोली। सुनि केहू जन करे ठिठोली।। जे जे भाव ह...
'फिरंगिया' मनोरंजन प्रसाद सिंह जी ऊ रचना हऽ जेवना पर अंगरेजी सरकार रोक लगा देले रहे एसे ई कबिता ए देस में ना छप पावल। बाकिर ई क...
मनोरंजन प्रसाद सिंह के जनम १० अक्टूबर सन १९०० ई में शाहाबाद जिला के सुर्यपुरा नामक गाँव में भइल रहे। इनकर पिताजी श्री राजेश्वर प्रस...