
ओकरे भएस - शैलेन्द्र कुमार साधु
घर -घर नाली, घर-घर गएस जेकर लाठी, ओकर भएस। बनी पकऊरा, बनी चाय इसकुल कउलेज, भाड मे जाए। छोट आमदी मे , मन के बात उधोग पति मे, धन के बात। घर -घ...
घर -घर नाली, घर-घर गएस जेकर लाठी, ओकर भएस। बनी पकऊरा, बनी चाय इसकुल कउलेज, भाड मे जाए। छोट आमदी मे , मन के बात उधोग पति मे, धन के बात। घर -घ...