
प्रकाश चाहीं? प्रकाश बा कहाँ? - रवीन्द्रनाथ टैगोर
प्रकाश चाही? प्रकाश बा कहाँ? दीया लेसे के होखे त विरहानल से लेस लऽ बुताइल दीया राख के का होई? इहे लिखल रलऽ भाग में? एह से त मरन अच...
प्रकाश चाही? प्रकाश बा कहाँ? दीया लेसे के होखे त विरहानल से लेस लऽ बुताइल दीया राख के का होई? इहे लिखल रलऽ भाग में? एह से त मरन अच...
विपदा से हमरा के विपदा से हमरा के हरदम बचाव ऽ हरि ई ना बाटे मिनती हमार जब जहाँ विपदा से सामना जे होखे प्रभु हम नाही होईं भयभीत निड...