अगिये बा सिरहानी - मनोज भावुक
अगिये बा गोड़थानी हमरा, अगिये बा सिरहानी आग के बिस्तर पर हम जाने कब से लेटल बानी लोग समुंदर में हमके फेंकलस कि मछरी खाई आ हम मुँह...
अगिये बा गोड़थानी हमरा, अगिये बा सिरहानी आग के बिस्तर पर हम जाने कब से लेटल बानी लोग समुंदर में हमके फेंकलस कि मछरी खाई आ हम मुँह...
भउजी सोरह के बाड़ी आ साठ बरिस के भइया बाज के चोंच में देखीं अंटकल बिया एक गौरइया भिखमंगा जी बेंच के बेटी, दारू पीके कहलें बाबू बड़...
जब से शहर में आइल तब से बा अउँजियाइल रोटी बदे दुलरुआ खूंटा से बा बन्हाइल गदहो के बाप बोले, दिनवो के रात बोले सुग्गा बनल ई मनई पि...
होखे कबो झगड़ा चाहे तकरार ओहू में छलके माई-चाची के दुलार रहि-रहि सुनाला ओहिमे हुँशियारी, नादानी एक्के झगड़वा में दस किस्सा-कहा...
जिनगी खाली तइयार रोटी ना ह पानी ह पिसान ह रात के अन्हरिया पर टहकत बिहान ह कुदारी के बेंट पर ठेहा लागल हाथ ह कोड़ झोर कइला प...
मन-मन सोचि-सोची काँहे मुसका लऽ केहू ना केहू सूनले तऽ होई। बात जेवन तूँ कहब केहू से केहू ना केहू कहले तऽ होई॥ कुछू नाही बावे तोहस...
उठि सूती पूछे मन, एगो हमसे बतिया काहे खाती दिन बावे, काँहे खाती रतिया॥ रोज भिंसहरे काँहे, किरिन सूरुजवा अउरी अन्हियारा, काँहे रोजे...
सपना कs पुल टूट गइल बा नाव कहीं ना लउके, आस - पास अन्हियार बहुत बा गाँव कहीं ना लउके, चाल करे घरियाल नदी में हर पत्थर पर काई केश...
बहुत भइल बेपर कs केशव, कहs गाँव कs घर कs केशव! ईंटा कs जंगल में हम तs शहर जी रहल बानीं, कंकड़-पत्थर नाता-रिश्ता आपन इहे कहानी,...
आयल मधुमास कोयलिया बोले. लाल लाल सेमरु पलास बन फूले सुमनो की क्यारी में भँवरा मन डोले, किसलय किशोरी डारन संङ झूले महुआ मगन हो ...
माई रे हम जेल जाइब कुछ अउर नाही तऽ नेता ही बन जाइब, माई रे हम जेल जाइब. बचपन में हम ध्यान ना दिहिलीं एक से बढ़के खेला हम कइलीं, ...
चारो तरफ घनघोर अँधेरा, कुछ त दीप जरवले जा रात के बाद सुबह भी होखी, ई एहसास करवले जा. आपन ढ़पली आपन राग पर, अपने गाल फुलवले बा आपन द...
एक ओर कुकुरमुत्ता नियर फइलल भकचोन्हर गीतकारन के बिआइल कैसेटन में लंगटे होके नाचत बिया भोजपुरिया संस्कृति। (……जइसे ऊ कवनो को...
राउर चिट्ठी पढ़ के मन बहुत खुश भइल। रउरा जापान में वैज्ञानिक बानी। जापान जाइयो के , रउरा भोजपुरी याद बा ? लोग त दिल्ली जाते ...
निहुरत उचकल गोड़वा मुचकल ओहू में पूछत सभके हाल। बेंगुची चलल ठोंकावे नाल॥ ताल तलैया सूखत रहेले उचरत चिरई कुछूओ कहेले असरा पर ...
लोग हमरा के धरती पर बोझा कहेला अब त अति हो गइल भाई अन्हें ना मुँहवे के सोंझा कहेला तबो हम कहत बानी मथमहोर ना हईं हमरो आपन पह...
बदलल जमाना बदलल ओझा सोखा। मुँह में बाड़े राम बगल से मिले धोखा॥ असरा के बदरा उड़ल बन के भुआ पता लागल तब कि जिनगीया ह धुँआ धधाले...
आज सब केहू तनी अगराइल बा। असों फेरु से मनवा होलिआइल बा॥ नैना नचाई धनि नखरा देखावे दूरवे से छाव करें, लगवा ना आवें साँस ...
बदरा घुरि-घुरि आवे अँगनवाँ में नींद नाहि आवे भवनवाँ में।। मनके महल में सूधिया के पहरा प्रीत के हिड़ोले बिरहल लहरा, दिल तार-त...
जिनगी ज़हर ना ह हहरावेले घहरावेले तबो कहर ना ह। जिनगी राग ह रंग ह एह के आपन-आपन ढंग ह ई कई बेर बुझाले कि बिना बिआहे क...