
खेते से जब खटिके - पंकज तिवारी
खेते से जब खटिके फलाने, अपने घरे में आवेले। लेइ लोटा में पानी दुल्हनिया, गुड़े के साथे धावेले।। घुट-घुट एक्कइ सांस में पूरा लोटा चाटि गयेन भ...
खेते से जब खटिके फलाने, अपने घरे में आवेले। लेइ लोटा में पानी दुल्हनिया, गुड़े के साथे धावेले।। घुट-घुट एक्कइ सांस में पूरा लोटा चाटि गयेन भ...
२२ जनवरी इतिहास में हमेशा बदे दर्ज हो गइल बिया। प्रभु श्री राम, सबके राम, सबमें राम जइसन दृश्य अब हर जगह नजर आ रहल ह्ऽ। सगरी विश्व राममय हो ...
डायरी लिखीं कि ना लिखीं ? लिखब त साँच लिखे के परी। बिना कवनो लाग-लपेट के, बिना कवनो अलंकार-शृंगार के लिखे के परी। मन में कुछ दिन तक उधेड़-बु...
1. मेघा फारि के बरसा मघ्घा, बुड़ि गा गांउ जंवार बखरी बइठल छान उजड़ि गइ मचि ग हाहाकार यार अब कइसे जियाई, पार हम कइसे पाई मेघा घरे में कूदि र...