
बरसत बदरिया - सुनील सिन्हा
बरसत बदरिया, भिजत चुनरीया, सावन के ई मस्त फुहार I गरजत बिजुरिया, बाजत पैजनिया, अईले ना, ई बलमु हमार II बह्सल उमरिया, मदमस्त जवन...
बरसत बदरिया, भिजत चुनरीया, सावन के ई मस्त फुहार I गरजत बिजुरिया, बाजत पैजनिया, अईले ना, ई बलमु हमार II बह्सल उमरिया, मदमस्त जवन...
जौने देहिया चन्दन लगवनी, इत्र छीड़कनी फैशन करवनी। मोछवा अइठत रौब जमवनी, भरल जवानी खूब इतरइनी॥ भइल बिआह परिवार बसवनी, जिनगिया आपन आगे बढ़वनी।...