
मैना - फन्दोत्तीर्णानन्द पुरी
ऊ मैना, जवन रोज हमरा आँगन में डुगुरति रहे पुचकारे वाला का आँगन से दाना खाके आ दुतकारे वाला का आँगन से इँकड़ी के बौछार पा के, उड़ गइल बिया।...
ऊ मैना, जवन रोज हमरा आँगन में डुगुरति रहे पुचकारे वाला का आँगन से दाना खाके आ दुतकारे वाला का आँगन से इँकड़ी के बौछार पा के, उड़ गइल बिया।...