अनिरूद्ध के छव गो कविता
मेघगीत जब जब पुरवइया संदेसवा पठावे बदरवा ई दउर दउर आवे काजर कर साँवर बदरवा ई दउर दउर आवे॥ बिलमावे केहू ना,मारे जादो मंतर परदेसी घर आ...
मेघगीत जब जब पुरवइया संदेसवा पठावे बदरवा ई दउर दउर आवे काजर कर साँवर बदरवा ई दउर दउर आवे॥ बिलमावे केहू ना,मारे जादो मंतर परदेसी घर आ...
जब जब पुरवइया संदेसवा पठावे बदरवा ई दउर दउर आवे काजर कर साँवर बदरवा ई दउर दउर आवे॥ बिलमावे केहू ना,मारे जादो मंतर परदेसी घर आवे,उमड़त ...
खंजन रितु दूत नयन अंजन सुखदाई उतरल चढ़ हंस शरद स्वागत अगुआई॥ महके झर हरसिंगार, भिनुसहरा प्यारा लाल तली चाँदी, कनफूल कि सितारा॥ पथ खुले दसो...
पंछी चहके डेरात, कुनमुनात र्छवरा बा, फुलवा महके डेरात, गुनगुनात भँवरा बा, कुलबुलात भोर लुका, कुहरा के पहरा बा, कुहा खुल माँझी रे, नाव खुल ...
जय भारत के भुँइया जय हे, जय-जय भारत मइया जय हे। जय-जय भारत देश पेआरा जय-जय भारत देश, तीन ओर सागर घिरे घहरे, चुन्दरी नील किनारी लहरे, मलय ब...
पहिल जोति फूटे पूरुब से, भइल जगत उजियार बजे भैरवी किरन बेनु पंछी के बजे सितार माथ चढ़ावे किरन बेनु पंछी के बजे सितार माथ चढ़ावे चरन धूर नभ...
अन्न घुनाइल खाँखरा, फटक उड़ावे सूप। अवगुन कौड़ा तब मिटे, बनीं सूप अनुरूप।। सोना-सोना जे रटे, निनिआ भइल हराम। मेहनत मोती जे लुटे, सुख से...