
हम त शहर में गाँव के जिनिगी बिताइले - डॅा० जयकान्त सिंह 'जय'
हम त शहर में गाँव के जिनिगी बिताइले मनमीत जहँवाँ पाइले हहुआ के जाइले भाई भरत के भाव मन में राम रूप ला सत्ता के लात मार के नाता निभाइ...
हम त शहर में गाँव के जिनिगी बिताइले मनमीत जहँवाँ पाइले हहुआ के जाइले भाई भरत के भाव मन में राम रूप ला सत्ता के लात मार के नाता निभाइ...
गीत जिनिगी के गावल ह आपन धरम चोट खा-खा हँसावल ह आपन धरम साध जिनिगी के सध ना सकल साँच बा आस अनकर पुरावल ह आपन धरम हँ जी, भटकीले दुनिया...
केकरा के कोसीं केकरा के सराहीं, मुँह फेरीं केकरा से, केकरा के चाहीं आस बिस्वास टूटल खात-खात धोखा ओकरे से दागा मिलल जेके द...
नागिन बन के डंसे डगरिया धरती खसके पाँव से, जब गुजरीं तोहरा गाँव से॥ छुपी कबले करुण कहानी खोली राज जमाना मंजिल तक जो ना पहु...
करS जन अनेत नेत, बबुआ सुधारS सुनS तूँही ना ई कहS काहे होला रोजे रगड़ा। आपन कमालS खालS, एन्हूँ बा उहे हालS आर ना डरेड़ फेर, काहे ला...
गीत जिनिगी के गावल ह आपन धरम गीत जिनिगी के गावल ह आपन धरम चोट खा-खा हँसावल ह आपन धरम साध जिनिगी के सध ना सकल साँच बा आस अनकर पुर...