
अबे कुछ साँस बाकी बा - सुभाष पाण्डेय
छोड़ा के हाथ जनि जाईं, अबे कुछ साँस बाकी बा। तनिक बिलमीं गजल गाईं, अबे कुछ साँस बाकी बा। अबे हठ बा निहारबि मौत के अपनी तबे जाइबि, विदा के गी...
छोड़ा के हाथ जनि जाईं, अबे कुछ साँस बाकी बा। तनिक बिलमीं गजल गाईं, अबे कुछ साँस बाकी बा। अबे हठ बा निहारबि मौत के अपनी तबे जाइबि, विदा के गी...
आजकल दिन बेरुखा बा धूप बोझिल अनमनी। साँस के आवारगी में चिंतना के रहजनी। पेड़ के छाँही सकोचल धूँध अइसन बढ़ रहल। आँखि के पुतरी प चिनगी ओठ पर ब...
हवा में गजब के सरूर बाटे हवा में गजब के सरूर बाटे, बात कुछ खास त जरूर बाटे। लोर सब गिर रहल बाटे भुँइयाँ, उनका रोवे के ना सहूर बा...
काने में ढोल बजाई के सभकर नाव बताई के॥ तस से भाईचारा क लीं त हमके गरिआई के॥ नेतवे जब खइहें दुबरा संग काटी दूध मलाई के॥ जे के देख ऊ काकी ह ...
तब से बा अउँजियाइल जब से शहर में आइल तब से बा अउँजियाइल रोटी बदे दुलरुआ खूंटा से बा बन्हाइल गदहो के बाप बोले, दिनवो के रात ...
भोरे भोरे सूरज आके जब मुस्काये लागल, धीरे-धीरे हमरा मन के कमल फुलाए लागल। कतना दिन पर उनुका के भर नजर निहारत बानी, का जाने काहे ...
1 जमीन पे नभ से उतर के आ गइलन। सफर के नाम कुछ कर के आ गइलन॥ ख्वाहिश रहे फूलन के खुश्बू के। झोली में काँटे भर के आ गइलन॥ मन म...
दुशमन के, पूत जइसन दुलारे के बेबसी। ई बाटे कवन करजा उतारे के बेबसी? नइखे उ कवनो लाएक, बाकी बा राज ओकर! जन के बा ओकरे पाँव पखारे...
फेड़न के औकात बताई कहियो अइसन आन्ही आई. घामा पर हक इनको बाटे पियराइल दुबियो हरियाई. पाँव जरे चाहे तरुवाए चलहीं से नू राह ओर...
फूका अइसन सोहरावत बा कब फूटी इहे मनावत बा। उल्टा छूरी कइलस हलाल अब बड़ा मीठ बतियावत बा। कहो नेतवा कविआइल का पनिये में आगि लगावत ...
भोला प्रसाद ‘आग्नेय’ जी जिनगी कऽ गहिराह बात अपनी छोटी-छोटी बात के कहत बानी अपनी एह गज़ल में। जिनगी में जेवन लउके ला ऊ होला ना औरी जेवन ...
पाण्डेय कपिल जी भोजपुरी एगो बहुते बढ़िया कवि हवीं। उँहा के जिनगी के तरह-तरह के अनुभवन के अपना ढंग से देख के सुभाव बा औरी ओही के सबका तक ...
पाण्डेय कपिल जी भोजपुरी एगो बहुते बढ़िया कवि हवीं। उँहा के जिनगी के तरह-तरह के अनुभवन के अपना ढंग से देख के सुभाव बा औरी ओही के सबका तक ...
भोजपुरी में जौहर शफियाबादी जी के काम औरी नाम एतना बड़ बा अब ए केवनो परिचय के मोहताज नईखे। उँहा के दूगो गज़ल जेवन रंगमहल दिवान से लिखल गईल...
भोजपुरी में जौहर शफियाबादी जी के काम औरी नाम एतना बड़ बा अब ए केवनो परिचय के मोहताज नईखे। उँहा के एगो गज़ल ' होला कबो बहार त पतझर जमीन ...