
संपादकीय: मैना: वर्ष - 7 अंक - 120 (अक्टूबर - दिसम्बर 2020)
चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह 'आरोही' केवनो भाखा के साहित्य के विकास के प्रक्रिया में जरूरी बा कि लोग हर रचनाकार के रचनन के बिना पूर्वा...
चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह 'आरोही' केवनो भाखा के साहित्य के विकास के प्रक्रिया में जरूरी बा कि लोग हर रचनाकार के रचनन के बिना पूर्वा...
एह अंक में संभव बनावे में अरोही जी के सुपुत्र श्री कनक किशोर जी के विशेष योगदान बा। उहाँ के बिना एह अंक के निकालल बहुत मुश्किल हो गइल रहित। ...
श्रीमद्भागवत पुराण के दसवाँ स्कंध के ४६-४७ वें अध्याय में कृष्ण के उद्धव के जरिए गोकुल में सनेसा भेजे के प्रसंग बा। एह घटना के विस्तार दू तर...
भोजपुरी के आधुनिक कहानी अपना समय के,ओकरा समग्रता में उरेहे में,कबो बिछिलाइल ना। चाहे ऊ गाँव के होखे भा नगर के, बाजार के होखे भा डहर के, ओमे ...
चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह ‘आरोही’ भोजपुरी के सुपरिचित रचनाकार हईं। साहित्य के सगरी विधन के अपना लेखनी से समृद्ध करे में इहाँ के योगदान अविस्...
मन के सुघरई जब कविता, गीत, गजल का रूप में सोझा आवेले त ओकर सुघरई बखान का बहरे होला। अगर ओहमें देश प्रेम के छउंक लागल होखे त उ सुतलो मनई के च...
भाषा के दिसाईं देखल जाव तऽ भोजपुरी राजनैतिक रूप से खाली धोखा आ असरा धरवला के भाषा रहल बा। अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक आ राजनैतिक अगुआ भोजपुरी...
विलक्षण प्रतिभा के धनी,यशस्वी आ ऊर्जावान साहित्यकार चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह ‘आरोही’ के, के नइखे जानत! आरोही जी विद्या दायिनी मां शारदे के ...
चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह जी के चेहरा बिसरत नइखे। लागता हाले में उहाँसे मिलल रहीं। बहुत उमेदि रहे उहाँ से। अभी बहुत कुछ करेके रहे उहाँके। उम...