
मत अगराईं - कवीन्द्र नाथ पाण्डेय
जरत जीनगी के भला अंजोर कइसन पुअरा के आग जाड़ा के भोर जइसन। मत अगराईं दूज के चांद देखिके गरहन छीनेला पुनवासी के अंजोर कइसन। दहकत दिन के दुपह...
जरत जीनगी के भला अंजोर कइसन पुअरा के आग जाड़ा के भोर जइसन। मत अगराईं दूज के चांद देखिके गरहन छीनेला पुनवासी के अंजोर कइसन। दहकत दिन के दुपह...
देहींया बनि गइल टुटही मचान भाई जी। सभे लादत बावे अबहु सामान भाई जी॥ पाया भइल कमजोर दुरलभ भइल अंजोर। निहुर चललऽ हमार भइल पहचान भाई जी॥ ...