
अंजोरिया - रामविचार पाण्डेय
1 टिसुना जागलि अपना कृस्न जी के देखे के त, अधी रतिये खाँ उठि चलली गुजरिया। चान का निअर मुँह चमकेला रधिका के, चम-चम चम...
1 टिसुना जागलि अपना कृस्न जी के देखे के त, अधी रतिये खाँ उठि चलली गुजरिया। चान का निअर मुँह चमकेला रधिका के, चम-चम चम...