
मनरेगा बिगरलस खेती औरी खेतिहर मजदूर के हितई
मनबोध मास्टर बहुत परेशान भइलें। खेत में खाड़ पाकल-फूटल फसल खड़ा रहल, कटिया खातिर मजदूर ना मिले। अरे भया! मजूर कहां से मिली? सब हजूर हो ग...
मनबोध मास्टर बहुत परेशान भइलें। खेत में खाड़ पाकल-फूटल फसल खड़ा रहल, कटिया खातिर मजदूर ना मिले। अरे भया! मजूर कहां से मिली? सब हजूर हो ग...
मनबोध मास्टर दुखी मन से कहलें- असों होली ना मनाइब। मस्टराइन पूछली- काहें? उ कहलें- सूर्पनखा की नाक की चलते। बात सही बा। जहां-जहां गड़बड़ ब...
मंदिर में मंथन भइल, मिली जाम मुक्ति? जाम-झाम की नाम पर, आपन-आपन युक्ति।। नगर निगम में धांधली, गेट में ताला बंद। लाठी चार्ज में बहल लहू,ऊपर ...