
रात भर चान नभ में चमकते रहल
रात भर चान नभ में चमकते रहल, केहू बेचैन करवट बदलते रहल। रात ओकर मुकुर में निहारत कटल, टेम दियना के काँपत सिसकते रहल। जब से से अल्हड़ ...
रात भर चान नभ में चमकते रहल, केहू बेचैन करवट बदलते रहल। रात ओकर मुकुर में निहारत कटल, टेम दियना के काँपत सिसकते रहल। जब से से अल्हड़ ...