
एक्के पैना - सौरभ सतर्ष
एक्के पैना से सबके चरावल गईल। नाही मानल त जबरी मनावल गईल।। आग लागल बा देहिया में ई सोच के। हमरा ढ़िबरी के काहे बुतावल गईल।। हई चमकsता को...
एक्के पैना से सबके चरावल गईल। नाही मानल त जबरी मनावल गईल।। आग लागल बा देहिया में ई सोच के। हमरा ढ़िबरी के काहे बुतावल गईल।। हई चमकsता को...