
हम भारत के संविधान हईं - जलज कुमार अनुपम
हम भारत के संविधान हईं दुनिया के सबसे सुनर वेवस्था के बखान हई अधिकार के दाता हई इति हास के भी ईगो गाथा हई बहुते साहस और क्षमता बाटे हम...
हम भारत के संविधान हईं दुनिया के सबसे सुनर वेवस्था के बखान हई अधिकार के दाता हई इति हास के भी ईगो गाथा हई बहुते साहस और क्षमता बाटे हम...
हमार गांव गंडक के तिरा पर बसल दखिन ओरी दियरा मे धसल भोर मे पनघट पर जमघट फ़ुलवारी मे देखला पे श्याम – राधा के खटख़ट जहवा पे धुपो मे मिले...
आजु के लफंगा नेता बनीहे काल्हु कबो चारा कबो बेचीहे ई आलू मत करिह कबो इनका परि ई चीज हउए बड़का चालू। आजकल देख के दृश्य राजनीती के मनवा...
हाथ में लाठी कान्ह पs गमछा बनल बाटे जेकर शान डंका सगरो जग में बाजे जान रहल बा हिन्दुस्तान हमनी हईं उहे पुरुबिया भोजपुरी आपन पहचान गोरखनाथ...
सरसो के फूल पर चढ़ल पियरी, मोजर के बाद फल लगत आम आ लीची, गेहूँ के बाली से लदल खेत आ खलिहान, पसीना के हल्का रंग में एहसास आ नयका साल के तइय...
सारा ऋतुवन के राजा वसंत के मौसम में फागुन के पूर्णिमा के मनावे जाये वाला इ परब आनंद के बयार बहावे में हर साल सक्षम होला आ भारत के पुरातन ...
कहल जाला दुनिया के सबसे आसान काम ह मौजूदा वेवस्था पर अंगुरी उठावल, ओकर आलोचना कइल, ओहमे कमी निकाललI आ ठीक एकरा उल्टा बाटे मौजूदा वेवस्था म...
उमीद के नाम ह भोर कामयाबी के दिन के शोर ह भोर संकल्प के शुरुवात ह भोर आशा के किरण ह भोर ई मन में नाया उमंग जगावेला विराट...
आज़ादी के ६८ साल बादो जदि भोजपुरी के आठवी अनुसूची में, चाहे भारत के पटल पर अगर उचित इज्जत नइखे मिलल त ओकरा पीछे सबसे बड़का कारण भोजपुरिया ...
का लिखी कुछ बुझाते नइखे ? लइका के जन्म लिखी कि लड़की के मरण लिखी बाप के मुह के आगी लिखी कि दहेज के दानव के दागी लिखी का लिखी कुछ बुझाते न...
मजदूरी हमर धरम मजदूरी हमर करम मजदूरी हमर संस्कार मजदूरी हमर विचार मजदूरी हमर जीवन के आधार एहिसे होखेम हम भवसागर के पार इहे करेला हम...
का हो चाचा का हो भइया का हो दीदी का हो मइया कहिया समझ में आई दहेजवा से बड़का कवनो पाप न ह भाई। कब ले रॉब जातवे खातिर समाज आपण लजाई ...
हम त तोहसे प्यार करिके सब कुछ पयिनी जिए के लुर आ गइल हम आवारा भइनी हम त तोहसे .......................... तोहरा बिनु प्यार अउरी प्यार बिनु ...
जलज जी अपनी कबिता में समाजिक औरी राजनैतिक सरोकार खोजे के कोसिस करत नजर आवत बाड़े। तीन गो कबिता परसतुत बाड़ी स। हम भारत के संविधान हईं भारत क...