
राममड़इया गह-गह करे - भगवती प्रसाद द्विवेदी
राम-राम भाई-बहिन सभे! रामजी अब टेन्ट से घरे लवटि अइनीं आ प्रान-प्रतिष्ठा का बाद जन-जन में बेयापे लागल बानीं। राममड़इया गह-गह करे लागल बा। जे...
राम-राम भाई-बहिन सभे! रामजी अब टेन्ट से घरे लवटि अइनीं आ प्रान-प्रतिष्ठा का बाद जन-जन में बेयापे लागल बानीं। राममड़इया गह-गह करे लागल बा। जे...
सूखि गइल आँखिन में लहलहात सपनन के समुन्दर खूने-खून हो गइल- सतलज, व्यास, रावी झेलम, चिनाब के पानी बेटिन के जवानी फटाफट बन हो ...
सूख गइल सरिता उमंग के, कुम्हिला गइल सुमन, कहाँ निरेखीं आपन सूरत, दरक गइल दरपन। अँगना में तुलसी के बिरवा परल घवाइल बा, पुरवा का लहरा में क...
हरियर बांस के अरथी सजावल जा चुकल बा . चाची के मूवल देह में घीव लेपिके उन्हुका के अरथी प सुता दीहल गइल बा . चारों कोना प अगरबत्ती जरा दीहल ...