
अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमाम - कुलदीप नारायण 'झड़प'
अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमाम तोहरे में हम समाइल, हमिता के अब न नाम। दउराइ रहल मनवाँ हमके कहाँ-कहाँ जब गिर गइल बा हमरा हाथन स...
अब गैरियत के बात का मन हो गइल तमाम तोहरे में हम समाइल, हमिता के अब न नाम। दउराइ रहल मनवाँ हमके कहाँ-कहाँ जब गिर गइल बा हमरा हाथन स...
आईं हम रउरा मिलि गाईं। भरीं विश्व में शुचि कल्याण, करीं राग के नव निर्माण, पुलकि उठी जगती के प्राण, जग में अमृत धार बहाईं। ...