चकरी - राधा मोहन चौबे 'अंजन'
केतना दिन अउरी चलत रही चकरी। कूटि-पीसि खा गइनीं जिनिगी के सगरी। जोरत-अगोरत में थाती हेराइल तनमन के गरमी सब देखते सेराइल धार में चिन्हाइल ना,...
केतना दिन अउरी चलत रही चकरी। कूटि-पीसि खा गइनीं जिनिगी के सगरी। जोरत-अगोरत में थाती हेराइल तनमन के गरमी सब देखते सेराइल धार में चिन्हाइल ना,...
सपना के सेजिया, सुरतिया के सारी असरा के अँखिया, जिनिगिया कुँआरी पले-पले पलकों के पगली पलकिया डोलि-डोलि डहकेली अँसुआ के थतिया कलपि-क...
1. सब दिन नए ना रहे, पुरान हो जाला नीमनो चीज कबो हेवान हो जाला। समय से बढ़ि के कुछऊ ना होला मुरगा ना बोलेला तबो बिहान हो जाला। -----------...
चिन्ता के अगनी तहरा के लेस-लेस खा जइहें ए मैना तू आसरा छोड , तोता फेरु ना अइहें। काहें आंख मिलवलू कइलू फुदुक-फुदुक के खेला पतइन के...
हिम्मत मन में, बल बाँहिन में, यारी रहे जवानी से। मरद उहे ह जे लड़ि जाला, आन्ही से आ पानी से। सागर में तूफान उठेला, झंझा भरल बयार चले...
जे बा दीहले रतन, बबुआ करिह जतन ई ह सोना ना माँटी मिलावे होई। अइसन अनमोल धन, पवल मानुष के तन कर्ज बाटे त मन से चुकावे होई।। ...