
पलटूदास के दोहा
आपै आपको जानते, आपै का सब खेल। पलटू सतगुरु के बिना, ब्रह्म से होय न मेल॥1॥ पलटू सुभ दिन सुभ घड़ी, याद पड़ै जब नाम। लगन महूरत झूठ सब, और बिगाड़ै...
आपै आपको जानते, आपै का सब खेल। पलटू सतगुरु के बिना, ब्रह्म से होय न मेल॥1॥ पलटू सुभ दिन सुभ घड़ी, याद पड़ै जब नाम। लगन महूरत झूठ सब, और बिगाड़ै...
जिन दिन पाया वस्तु को तिन तिन चले छिपाय॥ तिन तिन चले छिपाय प्रगट में हो हरक्कत। भीड़-भाड़ में डरै भीड़ में नहीं बरक्कत॥ धनी भया जब आप मिली ह...
प्रेम बान जोगी मारल हो कसकै हिया मोर।। जोगिया कै लालि-लालि अँखियाँ हो, जस कॅवल कै फूल हमरी सुरुख चुनरिया हो, दूनौं भये तूल।। जोग...
मितऊ देहला ना जगाया; नींदिया बैरिन भैली।। की तो जागै रोगी, की चाकर, की चोर की तो जागै संत बिरहिया, भजन गुरु कै होये।। स्वारथ लाय स...
भोजपुरी कऽ बहुत पुरान कबि सन्त पलटूदास जी कऽ दू गो निरगुन ' प्रेम बान जोगी मारल हो' औरी ' मितऊ देहला ना जगाया' रऊआँ ...