
अँगऊ - अक्षयवर दीक्षित
माई ! तोरा आँचर तर हम सब सुख पवनी, जनम संवरनी कईसन कईसन खेल खेलि के तोरा के सचहूँ अगरवनी। जहाँ कबो हम अलगा जाईं तोरा खातिर उ दुखदाई प्यार ...
माई ! तोरा आँचर तर हम सब सुख पवनी, जनम संवरनी कईसन कईसन खेल खेलि के तोरा के सचहूँ अगरवनी। जहाँ कबो हम अलगा जाईं तोरा खातिर उ दुखदाई प्यार ...