रूपिया के गाछ - राम प्रकाश तिवारी
रामसेवक आ सीताराम एके ऑफिस में काम करत रहे लो। दूनू जाने लइकाईं के संघतिया रहे लोग आ सब तरे बराबर रहे लो। एक दिने सीताराम कहले “भाई रामसेवक,...
रामसेवक आ सीताराम एके ऑफिस में काम करत रहे लो। दूनू जाने लइकाईं के संघतिया रहे लोग आ सब तरे बराबर रहे लो। एक दिने सीताराम कहले “भाई रामसेवक,...
जवना बने सिकिओ ना डोलसु बघवा ना गुजरेला। तवना बने चले ले कवन बरुआ काटेले परास डंटा। आहे तवना बने खोजे ले मिरिग छाल, कि आजु मोर जनेव हव...
अब राम जी रहेलन पलानी में, जीय-जीय हो जवान, बनी पलंग के पहलवान, आग लागो तोहरी अइसन जवानी में। दिन भर दारु-ताडी पियस, ...