सतुआन - दिलीप कुमार पाण्डेय

गइलें मीन से मेष में बाबा सुरूज भगवान,
गरमी बढ़ी पीत्त बढ़ी,मनईं होइहें परेशान।

आम के चटनी संग ले,लबरी पीठुरी गटकीं,
तन मन रही दुरूस्त, लूक कबो ना पटकी।

नियम बनवले पूरूखा, राख सभकर ध्यान,
पोंगल बिहु बैशाखी जवरे मनाई सतुआन।
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लेखक परिचय:-
नाम - दिलीप कुमार पाण्डेय
बेवसाय: विज्ञान शिक्षक
पता: सैखोवाघाट, तिनसुकिया, असम
मूल निवासी -अगौथर, मढौडा ,सारण।
मो नं: 9707096238

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