
लिखाइ अब - गुरूविन्द्रा सिंह 'गुरू'
लिखल का लिखाइ अब ! लिखले के दुहराइ सब !! रहल भ्रस्टाचार घोटाला ! कतुना करब कागद काला तबहुँ समझ ना पाइ सब ! लिखल का लिखाइ अब !! खुन-ख...
लिखल का लिखाइ अब ! लिखले के दुहराइ सब !! रहल भ्रस्टाचार घोटाला ! कतुना करब कागद काला तबहुँ समझ ना पाइ सब ! लिखल का लिखाइ अब !! खुन-ख...