
का हमके कुक्कूर कटले बा - जगदीश खेतान
इ सन् 1960 के बात ह। तब हम बनारस पढत रहलीं। वो दिन हम अपने कमरा मे पढले मे तल्लीन रहलीं कि तबले हमके बुझाइल कि केहू हमरे लगे आके ठाढ हो गइल ...
इ सन् 1960 के बात ह। तब हम बनारस पढत रहलीं। वो दिन हम अपने कमरा मे पढले मे तल्लीन रहलीं कि तबले हमके बुझाइल कि केहू हमरे लगे आके ठाढ हो गइल ...
ई सन 1971 के बात हऽ। पाकिस्तान आ भारत मे लड़ाई शुरु हो गईल रहे। पूरा देश मे येगो उत्साह छा गईल रहे। हर जगह येही के चर्चा होत रहल। बुझात रहल...
हम येगो आन्हर मंगन हईं जे आपन पेट जियावे खातीर इलाहाबाद के गलियन और बजारन मे भीख मांग के अपने परिवार के कइसो-कइसो जिआइलां। ई धंधा ठीक ना ह...
महंगाई गरीब खाती हमेसा से सबसे बड़ दुसमन रहल बे। ओही के वरणन ए कबिता में बा। -------------------------------------------------------- ...