
चइत उसुकावे - डॉ अशोक द्विवेदी
मन परे पाछिल बतिया ए बेरी चइत उसकावे! निनिया उड़ावे अधरतिया इ बेरी चइत उसकावे! कुरुई भरल रस महुवा कऽ पियले पुरुवा बखोरे मधुवाइ अनच...
मन परे पाछिल बतिया ए बेरी चइत उसकावे! निनिया उड़ावे अधरतिया इ बेरी चइत उसकावे! कुरुई भरल रस महुवा कऽ पियले पुरुवा बखोरे मधुवाइ अनच...
अँतरा लुकाइल अन्हरिया चइतवा बड़ निक लागे। टह टह , टहके अँजोरिया चइतवा बड़ निक लागे। झपसल डाढ़ि, हँसल अमरइया झाँवर मुख पर चढ़ल गो...
रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामा उनुका से कहि दऽ। रस देखि भँवरा लोभाइल हो रामा उनुका से कहि दऽ। पुलुई चढ़ल फिरु उतरल फगुनवा कुहुँकि-कु...
गते-गते दिनवाँ ओराइल हो रामा रस ना बुझाइल। अँतरा क कोइलर कुहुँकि न पावे महुवा न आपन नेहिया लुटावे अमवो टिकोरवा न आइल हो रामा रस ना ...
रस ना बुझाइल गते-गते दिनवाँ ओराइल हो रामा रस ना बुझाइल। अँतरा क कोइलर कुहुँकि न पावे महुवा न आपन नेहिया लुटावे ...
पाती - 79-80 (मार्च 2016) डॉ अशोक द्विवेदी जी के संपादन में बलिया से निकले भोजपुरी के दिशा बोध के पत्रिका 'पाती' के 79-80...