
घाव उभर गइल जादा - अभिषेक यादव
जिनगी के ह रंग सयाना ई का भइल दादा हो, अपने गोड़ गड़ासी पाजऽ घाव उभर गइल जादा हो। सूख गइल बा पोखरा गड़ही सूख रहल बा कूवा, फं...
जिनगी के ह रंग सयाना ई का भइल दादा हो, अपने गोड़ गड़ासी पाजऽ घाव उभर गइल जादा हो। सूख गइल बा पोखरा गड़ही सूख रहल बा कूवा, फं...
आवा लइको तोहे देखाई बेईमानी बे-ईमान क, नेता जी से सुसूक रहल जनता हिन्दुस्तान क॥ बड़-२ नेता बा ढुकल घोटालन के थरिया में, जनता भुईया...
बकरी बेच, भइल बियाह खेदारु काका के, आज़ादी से पहिले इनका घर ना रहे पाका के घर ना रहे पाका के ऐहि से होखे सकेता; नावा-नहर कनिया ...
होली में हूड़दंग करे आईल पछिम टोला, केहू पियले दारू बा केहू खइले गोला। नशा के ख़ुमारी में गउज-माउज होला, केहू बनल बानर-बनरी ...
चईत से लेके फ़ाग तक जिनगी में सभ राग तक, पनघट, ढेंकुल, मटका-मटकी कालिदास से घाघ तक; अतने मन में धइल जाव आवऽ खेती कईल जाव। में...
कहल जाला कि- 'होनहार वीरवान के होत चिकने पात।' कुछ लो जे भी एह भौतिक चीजन में कुछ नया कईले बा, या त ऊ 'खुराफाती' हऽ या त ऊ...
हजार झूठ पऽ मारे एक बेर बीछि डंक धरमी काम कवन कोताही राजा चाहे रंक। सच्चाई के आँख जनि देखाईंं सरकार हमरे लेखा रऊवों के ठोकी चा...
(१) जिऩगी के राग जब झर जाइ नेह से जाउत आ पिया जी जुड़ाय जाले देह से ओही दिने लेहड़ गाँव के, घाट पऽ ठेकाय दी बुझिह सुगनवा तोहै, माय...
जै हो माई शारदा सुनी लऽ पुकार हो, अरजी करेला माई बेटवा तोहार हो । नाही चाहि धन-मान नाही चाहि सुख हो, ऐतने गोहार माई देले...
नाम-गुन कऽ भेद में करि तनिक विचार, मुँह भइल बा चोखा अस बखरा ‘लूर’ अचार होशिला जी मधुशाला में डालऽस रोज पङाव, महंगू काका पनही टां...
आजु गाँवे हमरा बाटे पंचाइत, कि मन हमार खुश नइखे एगो मेहरी के मरदा बा विलाइत, कि मन हमार खुश नइखे। मेहरी के डाह फूँके मरदा कमाई स...
जै हो माई शारदा सुनी लऽ पुकार हो, अरजी करेला माई बेटवा तोहार हो। नाही चाहि धन-मान नाही चाहि सुख हो, ऐतने गोहार माई देले रह...
देखीलऽ अधिकई बतियावल खदेड़ना के नाती के, आठ गोल के पुड़ी उड़वलस कल-परसो आ राति के। जेतने भीरी, ओतने फिरी नेत-धरम ...
जेठ कऽ दिन रहे। आ जग्गू कऽ पोखरी पानी से लबालब उपरछत रहे। गरई आ सिधरी कs ठेकाने मत पूछीं! जग्गू एगो सीधा-सादा डबल चालीसा पार अपना घर के अ...
अभिषेक यादव जी के ई पहिली कहानी हऽ औरी उनकर उमिर बहुत कम बे। ओ हिसाब से देखल जाओ तऽ एगो बहुत नीमन परियास कइले बाड़े। इनकरी लिखाई के सभस...