
चल सखी ! चल धोए मनवा के मइली - लछिमी सखी
चल सखी ! चल धोए मनवा के मइली। कथी के देहिया, कथी के घइली। कवने घाट पर सउनन भइली॥ चित्रकार रेहिया, सुरतकर घइली। त्रिकुट घाट पर सउनन भइली।...
चल सखी ! चल धोए मनवा के मइली। कथी के देहिया, कथी के घइली। कवने घाट पर सउनन भइली॥ चित्रकार रेहिया, सुरतकर घइली। त्रिकुट घाट पर सउनन भइली।...
का जरत त्रिविध जड़, धुँआ ना धँधोरी । जे हाथ-गोड़-हाड़ भसम होत तोरी।। खोजत ना आपन विछुड़ल जोरी। सतुआ ना पिसान एको बान्हि के झोरी।। नाहीं एक...
कब लगि सहबे अगिनियाँ के धाहवा, ए सोहागिनि! लछ चौरासी कर धार॥ नइया रे डुबेला ना त अगम अथहवा, ए सोहागिनि! कहिले से कर ना बिचार॥ सतगुरु ज्ञान...
ए हमारे प्रभु तुम गती अलख अती। रोटी पर नुन जुरत नहीं जाको, लाखन बरत बती॥ बड़-बड़ सीध गीध होइ गइलन, अगती पावत गती। अइसन गढ़ कंचन पर लंका, ...
चढु-चढु ए सुगना गगन गम्हीर॥ उ जे सीतल मंद सुगंध समीर। जाहाँ झर-झर बहत धीरे धीर॥ चलु सखी पनिया भरि लेहु नीर। सुखमन संगम सरयुग तीर॥ ससुरा से...
चल सखी ! चल धोए मनवा के मइली। कथी के देहिया, कथी के घइली। कवने घाट पर सउनन भइली।। चित्रकार रेहिया, सुरतकर घइली। त्रिकुट घाट पर सउनन भइली...