जनवाद के आवाज - जनकवि भोला
आवऽता दहाड़ते जनवाद के आवाज ना चलल बा ना चली सामंती ई राज जन-जन के त्याग शक्ति ना करी अब कउनो भक्ति घर गांव जवार के नारा बा ...
आवऽता दहाड़ते जनवाद के आवाज ना चलल बा ना चली सामंती ई राज जन-जन के त्याग शक्ति ना करी अब कउनो भक्ति घर गांव जवार के नारा बा ...
हम चहनी, चाहींला, चाहत बानी कबहूं तहरे ही खातिर मरत बानी॥ तोहरे पिरितिया के याद में जिनिगिया निंदवा में अइतू सुनइती हम गीतिया॥ ...
कवन हउवे देवी-देवता, कौन ह मलिकवा बतावे केहू हो, आज पूछता गरीबवा॥ बढ़वा में डूबनी, सुखड़वा में सुखइनी जड़वा के रतिया कलप के हम बित...
जान जाई त जाई, ना छूटी कभी बा लड़ाई ई लामा, ना टूटी कभी॥ रात-दिन ई करम हम त करबे करब आई त आई, ना रुकी कभी॥ बा दरद राग-रागिन के...
तोहरा नियर केहू ना हमार बा॥ देखला प अंखिया से लउकत संसार बा॥ मनवा के आस विश्वास मिलल तोहरा से जिनिगी के जानि जवन खास मिलल तोहरा से...
भोला जी आम आदमी के कबि हवीं। उहाँ के आम आदमी जीवन से जुड़ल बिषयन पर कबिता लिखले बानी। परसतुत पाँचगो कबिता ओइसने कबिता बाड़ी स। पाँचों कबित...