
शहीदन के श्रद्धांजलि - प्रसिद्ध नारायण सिंह
लुटा दिहल परान जे, मिटा दिहल निसान जे। चढ़ा के सीस देस के, बना दिहल महान जे ॥1॥ जने-जने जगा गइल, नया नसा पिला गइल। जला-जला सरीर के, स्वदेस...
लुटा दिहल परान जे, मिटा दिहल निसान जे। चढ़ा के सीस देस के, बना दिहल महान जे ॥1॥ जने-जने जगा गइल, नया नसा पिला गइल। जला-जला सरीर के, स्वदेस...
लुटा दिहल परान जे, मिटा दिहल निसान जे। चढ़ा के सीस देस के, बना दिहल महान जे॥ जने-जने जगा गइल, नया नसा पिला गइल। जला-जला सरीर के, स्व...
दुखियन के तन-मन-प्रान चलल। जब तीस जनवरी जाति रहलि, सुक के संझा मुसुकाति रहलि। दिल्ली में भंगी बस्ती के, धरती मन में अगराति रहलि॥ ज...
जब सन्ताबनि के रारि भइलि, बीरन के बीर पुकार भइलि। बलिया का ‘मंगल पांडे के, बलिबेदी से ललकार भइलि ॥1॥ ‘मंगल‘ मस्ती में चूर ...