
के कहत बा इहाँ लोकतंत्र नइखे - अभय कृष्ण त्रिपाठी "विष्णु"
के कहत बा इहाँ लोकतंत्र नइखे? हर समस्या के हल जोड़तंत्र नइखे॥ हर केहु के बा बस दूसरा के फिकर केहु नइखे करत आपन करिया जिकर। अपना इहाँ हट गइल द...
के कहत बा इहाँ लोकतंत्र नइखे? हर समस्या के हल जोड़तंत्र नइखे॥ हर केहु के बा बस दूसरा के फिकर केहु नइखे करत आपन करिया जिकर। अपना इहाँ हट गइल द...
चारो तरफ घनघोर अँधेरा, कुछ त दीप जरवले जा रात के बाद सुबह भी होखी, ई एहसास करवले जा. आपन ढ़पली आपन राग पर, अपने गाल फुलवले बा आपन दही क...
बदरा घुरि-घुरि आवे अँगनवाँ में नींद नाहि आवे भवनवाँ में।। मनके महल में सूधिया के पहरा प्रीत के हिड़ोले बिरहल लहरा, दिल तार-तार हो...
आयल मधुमास कोयलिया बोले . लाल लाल सेमरु पलास बन फूले सुमनो की क्यारी में भँवरा मन डोले, किसलय किशोरी डारन संङ झूले महुआ मगन हो गन...
माई रे हम जेल जाइब कुछ अउर नाही तऽ नेता ही बन जाइब, माई रे हम जेल जाइब. बचपन में हम ध्यान ना दिहिलीं एक से बढ़के खेला हम कइलीं, कसम...
यस.पी. साहब के मदद से पाड़ेजी सोहन के मोबाईल फोन काँल के दिटेल लेबे खातिर व्यवस्था कर देबेले आ अगला दिना उनका घर पर सब डिटेल पहुँच जाला. डिट...
पाड़ेजी ठलुआ के साथे यस. पी. साहब के सामने बइठल रहले आ अब का कइल जाव पर ही ओह लोगन के बात चीत चलत रहे. 'यस. पी. साहब हमरा के सोह...
यस. पी. साहब क आफिस जहाँ यस. पी साहब एगो सब इंसपेक्टर के कुछ समझा रहल बाड़े. 'डिड यू अण्डरस्टैण्ड..?' (समझ ल कि ना) यस. पी. सा...
पाड़ेजी ठलुआ के तरफ गइले त ठलुआ उनका से वही तरह से चिपक गइल जे तरह से ऊ सोहना से चिपकल रहे. पाड़ेजी ओकरा के कमली के फोटो दिहले आ समझा दिहले...
एगो छोट सा मड़ई जइसन चाय के दुकान में लखन अपना एक साथी क साथे चाय पियत रहे जब पाड़ेजी एक हवलदार के साथे उहाँ पहुँचले. जब तक पाड़ेजी मोटरसायक...
नाश्ता चाय कइला के बाद दरोगा यादव पाड़ेजी के लेके बैरक में बन्द बनारसी के पास पहुँच गइल अउरी पाड़ेजी के इशारा समझ के पाड़ेजी के बनारसी के पा...
पाड़ेजी के ठलुआ क नाम लेके बड़बड़ात देख सिंहो साहब चिन्ता में पड़ गइले, उनका से ना रह गइल त पाड़ेजी से सवाल कइले, 'सब ठीक त हव न गमछा गुरु...
'रउआ त एकदमे न पगला गइल बानी. ठलुआ के एतना बड़ काम? गोबर पाथे वाला भला ई सब कइसे करी?' पंडिताईन पाड़ेजी के सामने चाय राख के अपपनहूं ...
पाड़ेजी अउरी ठलुआ सिगरा थाना में सिंह साहब के सामने बइठल बा लोग. पाड़ेजी एगो कागज पर लिखल कुछ पढ़त बाड़न जेकरा के पढ़ला के बाद ऊ कागज टेबुल पर...
गमछा पाड़े कुछही दूर वापस भइल रहन कि उनका लागल ऊ कुछ भुला गइल बाड़े. पाड़ेजी वापस पलट के ओहि जगह जाये लगले त ठलुआ अउरी हवलदार भी उनका पीछे ...
'एगो तीर निशाना पर का लाग गइल, रउआ पूरा अर्जुने बने खातिर अफनाये लगलीं! बाकी कह देत बानी ईहँवा राउर दाल ना गली.' हाथ में चाय के ट...
सिगरा पुलिस थाना के दरोगा के कमरा में गमछा पाड़े, ठलुआ क साथे बइठल रहले आ उनका सामने इन्सपेक्टर सिंह अपना एगो अउर अफसर के साथ बइठल रहलन. स...
हमेशा के तरह महादेव बाबू कमरा में बईठ के आपन रोजमर्रा के आदत पूरा करे के तैयारी करे लग ले, एह बात से अनजान कि बहरी खिड़की पर उनकर मौत के फरि...