सँझवत अंक-7
सँझवत अक्टूबर-दिसम्बर 2020 वर्ष - 2 अंक-7 संपादकीय 1. बदल रहल बा भोजपुरी का प्रति नजरिया - रामरक्षा मिश्र विमल लेख/संस्मरण 2. रघुबीर नारायण ...
सँझवत अक्टूबर-दिसम्बर 2020 वर्ष - 2 अंक-7 संपादकीय 1. बदल रहल बा भोजपुरी का प्रति नजरिया - रामरक्षा मिश्र विमल लेख/संस्मरण 2. रघुबीर नारायण ...
आज अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस हऽ। माने अबले के चलन के हिसाब से एगो इवेंट। सालगिरह टाइप के! जदि एकरा के इवेंट के हिसाब से देखल जाओ तऽ बधाई ...
बेफिकिर नदिया नहाइल ना भुलाइल आजु ले। धूरि में देहिया सनाइल ना भुलाइल आजु ले। जेठ के तपती दुपहरी आम की बगिया में जा तुरि टिकोरा नून खाइल ना ...
रामसेवक आ सीताराम एके ऑफिस में काम करत रहे लो। दूनू जाने लइकाईं के संघतिया रहे लोग आ सब तरे बराबर रहे लो। एक दिने सीताराम कहले “भाई रामसेवक,...
भोजपुरी में खूब लिखात बा। हर विधा पर कलम चल रहल बा। नीक जबून सब बा। रहबो करेला सब साहित्य में। ई कवनो नया नइखे। बाकिर समय के साथ-साथ साहित्य...
मैना के आगामी 121वाँ अंक (वर्ष - 8 अंक: 121 जनवरी - मार्च 2021) खाती भोजपुरी साहित्यिक समुदाय से रचना सादर आमंत्रित बा। रउवाँ सभे आपन कविता,...
अंक के रचना (मैना: वर्ष - 7 अंक - 120 (अक्टूबर - दिसम्बर 2020)) संपादकीय चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह 'आरोही' के रचना संसार आरोही जी के...
चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह 'आरोही' केवनो भाखा के साहित्य के विकास के प्रक्रिया में जरूरी बा कि लोग हर रचनाकार के रचनन के बिना पूर्वा...
एह अंक में संभव बनावे में अरोही जी के सुपुत्र श्री कनक किशोर जी के विशेष योगदान बा। उहाँ के बिना एह अंक के निकालल बहुत मुश्किल हो गइल रहित। ...
श्रीमद्भागवत पुराण के दसवाँ स्कंध के ४६-४७ वें अध्याय में कृष्ण के उद्धव के जरिए गोकुल में सनेसा भेजे के प्रसंग बा। एह घटना के विस्तार दू तर...
भोजपुरी के आधुनिक कहानी अपना समय के,ओकरा समग्रता में उरेहे में,कबो बिछिलाइल ना। चाहे ऊ गाँव के होखे भा नगर के, बाजार के होखे भा डहर के, ओमे ...
चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह ‘आरोही’ भोजपुरी के सुपरिचित रचनाकार हईं। साहित्य के सगरी विधन के अपना लेखनी से समृद्ध करे में इहाँ के योगदान अविस्...
मन के सुघरई जब कविता, गीत, गजल का रूप में सोझा आवेले त ओकर सुघरई बखान का बहरे होला। अगर ओहमें देश प्रेम के छउंक लागल होखे त उ सुतलो मनई के च...
भाषा के दिसाईं देखल जाव तऽ भोजपुरी राजनैतिक रूप से खाली धोखा आ असरा धरवला के भाषा रहल बा। अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक आ राजनैतिक अगुआ भोजपुरी...