गर्मी के छुट्टी - निशा राय
शुरू भइल गर्मी के छुट्टी, मत करिहा पुस्तक से कुट्टी। सूरज के विकराल रूप से, बचके रहिहा कड़ा धूप से। रोज पाठ दुहरावत रहिहा, खीरा-ककरी खा...
शुरू भइल गर्मी के छुट्टी, मत करिहा पुस्तक से कुट्टी। सूरज के विकराल रूप से, बचके रहिहा कड़ा धूप से। रोज पाठ दुहरावत रहिहा, खीरा-ककरी खा...
खादी के कुर्ता के मिजाज आज बदलल बा सफलता आ उन्नति के राज आज बदलल बा। फेल जे होगइलीं सलाना इम्तहान में उतर जाईं छात्रसंघ के चुनाव मै...
चाहे घर होखे चाहे गाँव होखे, चिहे जिला देश विदेश होखे, हर जघे एके बाजा बजावत बा, कलयुग आपन रंग देखावत बा। धन खातिर पूत कसाई भईल, सास ...
पनिया में डूबल बाटे गलिया,सड़किया,त गाँव के परधान के दुवरवा भरात बा। आ इन्दरा आवास योजना के अन्तरगत उनका गइया,भइसिया के छप्पर ...
सोस्ती श्री पत्र लिखीं हम सईयाँ जी के नाम, आ गइल दिनवाँ गरमी के होता कड़ा घाम। खेतवा में ऊरिद झूराता गिर गइल गेंहूँ के दाम, आ अपन...
कलयुग कऽ रंग चाहे घर होखे चाहे गाँव होखे, चिहे जिला देश विदेश होखे, हर जघे एके बाजा बजावत बा, कलयुग आपन रंग देखावत बा। धन खाति...