
असो के ठंडा - दुर्गेश्वर राय
रजईयो रोवते कमरियो चिलाता। असो के ठंडा न रोकले रोकाता॥ सरदी से नट्टी भइल बाटे जाम। अखिआ तरस गइल देखे के घाम। असकत बा चपले ना हो ताटे काम। ...
रजईयो रोवते कमरियो चिलाता। असो के ठंडा न रोकले रोकाता॥ सरदी से नट्टी भइल बाटे जाम। अखिआ तरस गइल देखे के घाम। असकत बा चपले ना हो ताटे काम। ...